स्वामी विवेकानंद जयंती: नेशनल यूथ डे

"जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते।"

1893 में शिकागो में विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद के प्रसिद्ध भाषण ने दुनिया के भारत को देखने के तरीके को बदल दिया था।

युवाओं में उनकी लोकप्रियता अद्वितीय है। उन्हीं की जयंती के अवसर पर नेशनल यूथ डे मनाया जाता है।
आज भारत की आध्यात्मिक चेतना और युवा जनजागरण की प्रेरणा महान संत, समाजसेवी स्वामी विवेकानंद जी की 159वीं जयंती है। बेहद कम आयु  में ही स्वामी विवेकानंद ने पूरी दुनिया को अपनी प्रतिभा और ज्ञान से भारत की संभावनाओं से परिचित करा दिया था। कौन ही भूल सकता है साल 1893 में अमेरिका के शिकागो में दिया गया उनका ऐतिहासिक भाषण  जिसने अनेकों युवाओं को प्रेरित करने का काम किया। 

भारत में युवाओं की आबादी सबसे ज्यादा है और इसी लिए इसे यंगिस्तान भी कहा जाता है। आज देश में  ऐसे कई युवा हैं, जिन्होंने बेहद कम उम्र में ही अपनी प्रतिभा के दम पर अपनी पहचान बना कर देश को गौरान्वित  किया है।

 

नीरज चोपड़ा: टोक्यो ओलंपिक 2020 में स्वर्ण पदक विजेता

फोटो-पीटीआई

नीरज चोपड़ा आज देश ही नहीं विदेशों में भी परिचय के मौहताज नहीं है। 2021 में उनसे अधिक प्रसिद्धी शायद ही किसी अन्य शख्स की हुई हो। महज 23 साल की आयु में ही टोक्यो ओलंपिक 2020 में स्वर्ण पदक जीत कर उन्होंने देश को सम्मान दिलाया है। यह जीत इसलिए भी खास थी, क्योंकि ओलंपिक के इतिहास में पहली बार किसी भारतीय ने एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक को अपने नाम किया। हरियाणा के रहने वाले नीरज ने भाला फेंक (जेवलिन थ्रो) में यह कीर्तिमान बनाया। आज नीरज दुनियाभर के उन करोड़ों लोगों की प्रेरणा बन चुके हैं, जो अपने देश के लिए कुछ करना चाहते हैं। इससे पहले नीरज चोपड़ा ने 2018 में कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में भी स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। 

 

लिसिप्रिया कंगुजम: पर्यावरण कार्यकर्ता

Young climate change activist, Licypriya Kangujam urges Indian schools to  add climate education in their curriculum - Sentinelassam

फोटो- Sentinel Digital Desk 

भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर की लिसिप्रिया कंगुजम दुनिया की सबसे युवा (10 वर्ष) की पर्यावरण कार्यकर्ताओं में से एक हैं। उन्हें 2019 में किड्स-राइट्स फाउंडेशन की ओर से अंतरराष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार से नवाजा गया। इसके अलावा उन्हें डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम चिल्ड्रन अवॉर्ड और भारत शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। बेहद कम उम्र में ही लिसिप्रिया पर्यावरण संरक्षण के लिए काफी मुखर हैं।  2019 में स्पेन में आयोजित कॉप-25 (COP25) जलवायु सम्मेलन को लिसिप्रिया ने संबोधित किया था । दुनियाभर के नेताओं को जल्द से जल्द जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाने की बात कही थी। बचपन में बड़े मुकाम को हासिल कर चुकीं लिसिप्रिया कंगुजम आज कई लोगों की प्रेरणा हैं। वह यह साबित कर रही हैं कि भारत की युवा शक्ति और प्रतिभा का दुनिया में कोई सानी नहीं है।

 

स्वाति शर्मा: वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन में लीगल ऑफिसर

राजस्थान की स्वाति शर्मा का स्विट्जरलैंड स्थित जिनेवा में विश्व व्यापार संगठन (WTO) में बतौर लीगल ऑफिसर सलेक्शन हुआ है। काजड़ा जैसे छोटे से गांव से निकलकर दुनिया के सबसे बड़े व्यापारिक संस्थान में जॉब लेने के लिए स्वाति ने बहुत मेहनत की है। साधारण परिवार और छोटे शहर से निकलकर WTO में जॉब लगने तक की इनकी यात्रा लोगों के लिए मिसाल है।

स्वाति इंदिरा नूई, गीता गोपी नाथन और स्वर्गीय एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानती हैं। उनका कहना है कि ‘हर माता-पिता को अपने बच्चों कौशल पर ध्यान देना चाहिए, उन्हें आगे बढ़ाना चाहिए। हम मध्यमवर्गीय आय वाले परिवार आते हैं, ऐसे में फाइनेंस की भी समस्या थी लेकिन पापा ने कभी कोई दिक्कत नहीं आने दी. किसी भी मुकाम पर जाने के लिए पेरेंट्स का साथ बहुत ही जरूरी है’

 

रितेश अग्रवाल: ओयो के संस्थापक

फोटो-पंजाब केसरी

'ओयो' का नाम कौन ही नहीं जानता। आप ने भी शायद कभी ना कभी ओयो से रूम बुक किया ही होगा। मध्यवर्ग के आम लोगों को ठहरने के लिए अच्छे और किफायती कमरों की व्यवस्था करवाने में आज इस कंपनी ने क्रांति लाने का काम किया है। इस कंपनी के संस्थापक ओडिशा के 28 वर्षीय रितेश अग्रवाल हैं उनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने अपनी पढ़ाई लिखाई को बीच में छोड़ दिया था।  लेकिन आज रितेश दुनिया के सबसे युवा अरबपतियों में से एक हैं। उन्हें बिजनेस वर्ल्ड का यंग एंटरप्रेन्योर अवॉर्ड भी मिल चुका है। उनकी कामयाबी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2020 की हूरून रिच लिस्ट के अनुसार उनकी कुल संपत्ति 7,253 करोड़ रुपये थी। रितेश ने अपनी पहली कंपनी OREVAL STAYS को केवल 19 वर्ष की उम्र में ही शुरू किया था। कई बार असफलता हाथ लगने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और इस मुकाम को हासिल किया। आज ओयो भारत के अलावा विदेशों में भी अपनी जगह बना चुकी है। देश के जो भी युवा आज स्टार्टअप का सपना देखते हैं, उनके लिए रितेश एक प्रेरणा की तरह हैं। 

युवा उच्च ऊर्जा, सकारात्मकता और भावना का प्रतीक है।

आपको युवा दिवस की बहुत बहुत बधाई...

आप पर सब का आशीर्वाद बना रहे !!!

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ऊपर व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं और ये आवश्यक रूप से आजादी.मी के विचारों को परिलक्षित नहीं करते हैं।

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